— श्याम दरिहरे
सोचियौ त’ एकबेर भाइ
बजारमे जँ नहि रहितए
हेयर डाइ
लोक जँ आइ केश नइ रंगितए
त’ कतेको सुन्नरि- सुन्नरि नारि
ठामहि केहन भुताहि लगितए।
बूढ़ आ अधेड़क त’
कथे कोन
देखिऔक पैंतीस-सैंतीसक
कते युवक-युवतीक
माथसँ उतारिक’ नकली आवरण
सौंसे नगर कासक बोन लागत
युवा देशक तगमा
ठामहि भ्रम भ’ जायत।
धन्न कही ओकरा
जे बनौलक हेयर डाइ
नकली मुस्कान
चेहराक मास्क
देलक जुगकेँ आवरण
बनौलक झुर्री नुकाबक क्रीम
आ दाग नुकाबक पाउडर।
अइ संसारकेँ संसार सन
देखयबामे
ओकरो जोगदान
कोनो कम नइ छै।
Illustration by Nadhir Nor
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